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I-T डिपार्टमेंट: फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील से टैक्स का नुकसान नहीं चाहता

9 May. 2018 | 11.16 AM

नई दिल्ली : देश की टॉप ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल फ्लिपकार्ट को अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट खरीदने जा रही है और इस पर टैक्स अथॉरिटीज की भी नजर है। टैक्स अधिकारियों ने वॉलमार्ट के इस मामले में अमेरिकी कंपनी के भारतीय ऑफिस को लेटर लिखकर प्रपोज्ड डील से जुड़ी जानकारियां मांगी हैं। एक सूत्र ने बताया कि फ्लिपकार्ट के बेंगलुरु ऑफिस से भी प्रपोज्ड ट्रांजैक्शन की जानकारी मांगी गई है। वॉलमार्ट को भेजे गए लेटर में उस संभावित डील का जिक्र है, जिसमें भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी में शेयरहोल्डिंग को नॉन-रेजिडेंट्स को ट्रांसफर किया जा सकता है। इस बारे में दोनों कंपनियों से टिप्पणी नहीं मिल सकी है।


इस डील में विद्होल्डिंग टैक्स से संबंधित इनकम टैक्स के प्रोविजंस लागू होंगे। इनकम टैक्स अथॉरिटी ने वॉलमार्ट से भारत के टैक्स कानूनों के प्रावधानों, इस ट्रांजैक्शन पर लागू होने वाले कानूनों और टैक्स देनदारी को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क करने को भी कहा है।

फ्लिपकार्ट के बड़े फॉरेन इनवेस्टर्स में टाइगर ग्लोबल, एक्सेल पार्टनर्स और नैस्पर्स शामिल हैं। ऐसी संभावना है कि वॉलमार्ट इन इनवेस्टर्स की पूरी या आंशिक हिस्सेदारी खरीदेगी। टैक्स डिपार्टमेंट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस डील से उसे टैक्स का कोई नुकसान न हो।


फाइनैंस ऐक्ट 2012 ने इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 9(1)(i) के तहत इनडायरेक्ट ट्रांसफर से संबंधित प्रोविजंस जोड़े थे। इसके नतीजे में भारत में मौजूद किसी असेट के ट्रांसफर के जरिए नॉन-रेजिडेंट्स को इनकम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मिलना माना जाता है और इस पर 1 अप्रैल, 1962 से पिछली तारीख के प्रभाव के साथ टैक्स देना होता है। इस संशोधन के बाद भारत में बिजनस रखने वाले सभी व्यक्तियों, चाहे रेजिडेंट या नॉन-रेजिडेंट, को विदेश में ट्रांजैक्शन होने पर भी विद्होल्डिंग टैक्स देना होता है। लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स इनवेस्टमेंट के आधार पर 10-20 पर्सेंट है।


यूपीए की पिछली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के टैक्स से जुड़े मामले में टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन के पक्ष में फैसला देने के असर को समाप्त करने के लिए इस संशोधन को पेश किया था। इनकम टैक्स अथॉरिटी ने वोडाफोन की हचिसन वाम्पोआ से लोकल टेलिकॉम सब्सिडियरी में बड़ा स्टेक खरीदने की 2007 की डील पर टैक्स का दावा किया था। मौजूदा सरकार ने पिछली तारीख से हुए इस संशोधन को पलटा नहीं है, लेकिन इसे लागू करने से जुड़े कुछ सतर्कता के उपाय किए हैं।

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