27 June 2018 | 12.51 PM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अब से ऑपरेशनल स्टाफ और औद्योगिक कर्मचारियों को छोड़कर किसी को भी ओवरटाइम नहीं दिया जाएगा। इस बारे में कार्मिक मंत्रालय द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। यह निर्णय सातवें पे कमीशन की सिफारिश के आधार पर लिया गया है।
सातवें वेतन आयोग ने की सिफारिश
इस बात कि पुष्टि करते हुए व्यय विभाग ने स्पष्ट किया कि सरकार ने यह निर्णय पिछले कुछ सालों में हुए वेतन में वृद्धि के कारण, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर लिया है। सिफारिश में कहा गया है कि परिचालन कर्मचारियों और औद्योगिक कर्मचारियों के अलावा अन्य श्रेणियों के लिए ओवरटाइम भत्ते को बंद करने के लिए वैधानिक प्रावधानों द्वारा स्वीकार किया जा सकता है।
ऑपरेशनल स्टाफ की लिस्टा बनाने का आदेश
इसके साथ ही मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि संबंधित मंत्रालयों / विभागों के प्रशासनिक विभाग से परिचालन कर्मचारियों की सूची में तैयार करने को कहा है। किसी विशेष श्रेणी के कर्मचारियों को शामिल करने के लिए पूर्ण औचित्य के साथ परिचालन कर्मचारियों की एक लिस्टा तैयार करने के लिए कहा गया है।
नहीं होगा ओटीए की दर में संशोधन
सरकार ने यह भी तय किया है कि परिचालन कर्मचारियों के लिए ओवरटाइम भत्ता या ओटीए की दर में संशोधन नहीं किया जाएगा। ऐसे में 1991 में जारी किए गए आदेश के अनुसार उन्हें यह मिलता रहेगा। इसके अलावा कार्मिक मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि ओटीए का भुगतान तभी किया जाएगा, जब वरिष्ठ अधिकारी संबंधित कर्मचारी को तुरंत किसी काम के लिए बलाएं और वह इसकी पुष्टिइ भी उनकी ओर से की जाए।