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2019 का है ख्याल, टैक्सपेयर्स पर दबाव कम करेगी मोदी सरकार:

7 July 2018 | 12.28 PM

नई दिल्ली: बीजेपी को 2014 में केंद्र की सत्ता दिलाने में उसके उस वादे का भी योगदान था, जिसमें उसने कहा था कि वह 'टैक्स के आतंकवाद' को खत्म करेगी। 4 साल बीत गए हैं, लेकिन सरकार अब भी इस कोशिश में ही है कि 2019 में एक बार फिर से जनता से यह वादा न करना पड़े। कुछ दिन पहले ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चीफ ने सभी प्रमुख आयकर आयुक्तों से कहा था कि वे उन केसों पर करीबी नजर रखें, जिनमें अधिक टैक्स की डिमांड की गई है।


ऐसे केसों में आमतौर पर टैक्स अधिकारियों की ओर से बिना आकलन के ही टैक्स की मांग कर ली जाती है। आयकर आयुक्तों को आदेश दिया गया है कि वे ऐसे मामलों पर नजर रखें और उनमें नरमी बरती जाए। विभिन्न टैक्स सर्कल के अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने एक इंटरनल नोट में कहा कि जहां भी टैक्सपेयर्स की समस्याओं के लिए स्थानीय कमिटी का गठन किया गया है, वहां पता चला है कि कई जगहों पर अधिक टैक्स असेसमेंट किया गया और अधिकारियों से इस बारे में सफाई मांगी गई है।


चंद्रा ने इंटरनल नोट में कहा कि यदि टैक्स असेसमेंट ऑफिसर गलत ढंग से कर का आकलन करते हैं तो उन्हें शहर के भीतर ही ऐसे पदों पर ट्रांसफर कर दिया जाए, जिनका सीधा असर न पड़ता हो। इसके अलावा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। अपने पत्र में चंद्रा ने कहा कि मुख्य टैक्स आयुक्तों को आदेश दिया कि ऐसे मामलों में जिन्हें स्थानीय कमिटियों ने अधिक टैक्स असेसमेंट का केस बताया हो, उनमें बलपूर्वक वसूली जैसी कार्रवाई से बचना चाहिए।

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