25 September 2018 | 11.06 AM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की मियाद एक पखवाड़ा बढ़ाकर अब 15 अक्टूबर कर दी है। दरअसल, जिन करदाताओं के अकाउंट्स की ऑडिटिंग अब तक नहीं हो पाई है, उनके लिए आईटीआरफाइल करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी। इसी सिलसिले में रिटर्न फाइल करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग करने वाले विभिन्न पक्षों ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों से मुलाकात भी की।
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, 'सीबीडीटी ने खास श्रेणियों के करदाताओं के लिए आईटीआर फाइल करने एवं ऑडिट रिपोर्ट जमा कराने की मियाद 30 सितंबर 2018 से बढ़ाकर 15 अक्टूबर 2018 कर दी है।' हालांकि, आईटी ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 234A (स्पष्टीकरण 1) के मकसद से समयसीमा में कोई विस्तार नहीं होगा। यह सेक्शन रिटर्न फाइल नहीं करनेवालों से ब्याज वसूलने के प्रावधान से जुड़ा है। बयान में कहा गया है कि अससेजी को सेक्शन 234A के प्रावधानों के तहत अब भी ब्याज देना होगा।
इससे पहले, सीबीडीटी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वेतनभोगी करदाताओं और अनुमान आधारित आमदनी वालों की आईटीआर फाइलिंग में 71 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और 31 अगस्त 2018 तक यह आंकड़ा 5 करोड़ 42 लाख तक पहुंच चुका था। इन कैटिगरीज के करदाताओं को वित्त वर्ष 2017-18 के आखिरी महीने तक आईटीआर फाइल करना था।