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सुप्रीम कोर्ट: इनकम टैक्स रिटर्न के लिए पैन और आधार का लिंक होना जरूरी

7 February 2019 | 2.45 PM

नई दिल्ली: अब पैन को आधार से जोड़े इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) के साथ आधार का लिंक होना अनिवार्य है। जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही यह बात स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने बताया कि शीर्ष अदालत ने इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 139AA को बरकरार रखा है।

कोर्ट का यह निर्देश दिल्ली हाईकोर्ट के एक निर्णय के खिलाफ केंद्र की याचिका पर आया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रेया सेन और जयश्री सतपुते को 2018-19 के लिए बिना आधार और पैन लिंक कराए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का आदेश दिया था। बेंच ने कहा, 'हाईकोर्ट के इस आदेश से संबंधित मामला इस कोर्ट में विचाराधीन है। इसके चलते इस कोर्ट ने इस मामले पर फैसला किया और इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 139AA के अधीन इसे उल्लंघन माना। इसके लिए पैन और आधार का लिंक होना अनिवार्य है।'

बेंच ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ही वित्त वर्ष 2019-20 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की जाए।' याचियों ने हाईकोर्ट को बताया था, 'आदेश और कई कोशिशों के बावजूद वे अपना आईटीआर फाइल करने में सफल नहीं हुए क्योंकि वेबसाइट पर ई-फाइलिंग के दौरान आधार या आधार नामांकन संख्या से बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं है।'

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 26 सितंबर को निर्णय दिया था कि केंद्र की महत्वाकांक्षी आधार योजना संवैधानिक रूप से मान्य है, लेकिन बैंक अकाउंट्स, मोबाइल फोन्स और स्कूल में प्रवेश के लिए इसे लिंक कराने समेत कई प्रावधानों को उसने खत्म कर दिया था। 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने माना था कि I-T रिटर्न फाइलिंग और पैन के आवंटन के लिए आधार अनिवार्य होना चाहिए, लेकिन बैंक अकाउंट्स और मोबाइल कनेक्शन के लिए यह अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। टेलिकॉम सर्विस प्रवाइडर्स लिंक की मांग नहीं कर सकते हैं।

कुछ करदाता आधार की जानकारी तो देना चाहते हैं, लेकिन उससे पैन नहीं जोड़ना चाहते। ऐसे में सरकार ने कहा कि एक से ज्यादा पैन के जरिए कोई टैक्स चोरी नहीं कर ले, इसे सुनिश्चित करने के लिए आधार को पैन से जोड़ना जरूरी है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में पैन पहले से ही आधार से जुड़े हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से एक वर्ग बहुत खुश नहीं दिख रहा है। ऐक्टिविस्ट और सिविल इंजिनियर सुमन सेनगुप्ता ने कहा, 'हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या आधार वेरिफाइड डेटा है या क्या इसका ऑडिट हुआ है। अगर कोई पैन को फर्जी आधार से जोड़कर इसे किसी फोन नंबर से जोड़ देता है तो यूआईडीएआई या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसे कैसे वेरिफाइ करेगा?

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