2 October 2019 | 2.14 PM
नई दिल्ली: पर्यावरण को बचाने के लिए आज से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लग गई है. अब सिंगल यूज प्लास्टिक से तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट जैसे सामान में मिलने वाली पतली पन्नी, सड़क पर ठेली पर मिलने वाले प्लास्टिक वाले चाय के कप, पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल और कोल्ड ड्रिंक की स्ट्रा आदि पर रोक लग जाएगी. अब यदि आप सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) का इस्तेमाल करते पाए जाएंगे तो आपको जुर्माना देना होगा. सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान तो होता है ही साथ ही ये प्लास्टिक रिसाइकल भी नहीं होती. पीएम मोदी ने साल 2022 तक भारत को सिंगल-यूज प्लास्टिक से फ्री करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने लाल किले से अपने भाषण में देशवासियों से सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने की अपील की थी. इस को पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के लिए पीएम मोदी ने गांधी जयंती का दिन चुना था. अब जब देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग गया है.
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
आज दुनियाभर में पर्यावरण की हालत बहुत खराब हो गई है. प्लास्टिक और पॉलीथीन ने वातावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित कर रखा है. आज जो प्लास्टिक लोगों के जीवन के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह बन गया है. सालों पहले इसका अविष्कार लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए किया गया था. प्लास्टिक के जनक लियो बैकलैंड हैं, जिन्होंने 43 साल की उम्र में फिनॉल और फार्मल डीहाइड नामक रसायनों पर प्रयोग के दौरान एक नए पदार्थ की खोज की. उन्होंने अपने प्रयोग के दौरान पहला कम लागत वाला कृत्रिम रेसिन बनाया जो दुनिभार में अपनी जगह बनाने वाला प्लास्टिक बना. देश में प्लास्टिक 60 के दशक में चलन में आया. प्लास्टिक आने के बाद से ही इसके अच्छे या बुरे परिणाम को लेकर बहस शुरू हो गई थी.