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पीयूष गोयल : 2022 से पहले अब हर घर होगा रोशन

20 May 2017 | 12.26 PM

यह यूपीए नहीं एनडीए की सरकार है और सरकार जो कहती है, उसे पूरा करती है। केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने सरकार के तीन साल के कामकाज पर अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने भी 2009 तक बिजली तक पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन हम पिछली सरकार की तरह केवल वादा नहीं करते, बल्कि इसे पूरा करते हैं। ऊर्जा मंत्री ने विश्वास जताया कि केन्द्र सरकार ने 2022 तक हर घर को रोशन करने का वादा किया है, लेकिन उनका मंत्रालय इस लक्ष्य को काफी पहले पूरा कर लेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार लोगों की ऊर्जा जरुरतों को समझती है और इसे लेकर संवेदनशील है। इसे केन्द्र में रखकर सरकार दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत हर घर में बिजली के बल्ब जलाने के लक्ष्य को पूरा करेगी।

गोयल ने तीन साल के कामकाज का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि 18,452 गांव बिजली की सुविधा से वंचित थे। लेकिन 15 मई तक इनमें से 13, 469 गांवों तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। अकेले 2016-17 में 6015 गांवों का बिजलीकरण किया गया। इस साल 63,330 गांवों में सघन बिजलीकरण और 30 अप्रैल 2017 त 256.18 लाख बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क बिजली के कनेक्शन दिए गए। गोयल का दावा है कि सरकार ने गांवों बिजली न पहुंचपाने के कारणों का अध्ययन करने के बाद व्यवहारिक स्तर पर पहल की और इसका नतीजा सामने है। 

उन्होंने कहा कि सरकार न केवल गांवों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा कर रही है, बल्कि लोगों से बिजली की जरूरत को समझते हुए ऊर्जा में बचत करने वाले उपकरणों को अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रही है। जहां ग्रिड नहीं वहां सौर ऊर्जा केन्द्रीय बिजली मंत्री ने कहा कि देश में तमाम ऐसे सघन क्षेत्र हैं जहां ग्रिड से बिजली पहुंचाने के लक्ष्य में कठिनाई आ रही है। सरकार वहां सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। ताकि हर गांव और घर को रोशन किया जा सके।

इसके अलावा देश भर में वैकल्पिक ऊर्जा के रुप में सौर ऊर्जा को महत्व दिया जा रहा है। सौर ऊर्जा या वैकल्पिक ऊर्जा पर्यावरण के भी काफी अनुकूल है। इसलिए सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। ताकि देश में बिजली का उत्पादन बढ़ाकर ऊर्जा की जरूरतों को पूरा किया जा सके। नक्सल प्रभावित राज्यों में विशेष अभियान छत्तीसगढ़, झारखंड समेत अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों में गांवों को रोशन करने के लिए सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर विशेष अभियान चला रही है। झारखंड में 2525 घर बिजली की रोशनी से वंचित थे। अब केवल 556 रह गये हैं। इसी तरह से 187 नक्सल प्रभावित घरों में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है।

इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री रघुबर दास के साथ मिलकर हर घर को बिजली दी जाएगी। इसी तरह से छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर के 240 गांवों में बिजली नहीं है। गोयल ने कहा कि सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री, डीजीपी तथा केन्द्रीय गृहमंत्रालय के साथ चर्चा करके विशेष योजना बनाई है। सरकार इस पर काम कर रही है।

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