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द‌िल्ली सरकार पर आया नया संकट, जल्द ही केजरीवाल के दफ्तर में नहीं होगा एक भी अफसर :

03 June 2017 | 12.32 PM

यह सुनकर भले अजीब लगे लेकिन यह सच है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का दफ्तर जल्द ही अफसरों से विहीन होने वाला है। यानी कुछ ही समय में दिल्ली सचिवालय के तीसरे फ्लोर पर स्थित सीएम अरविंद केजरीवाल के दफ्तर में एक भी अफसर नहीं होगा जिसका मतलब है कि कामकाज ठप होने की भी नौबत आ सकती है।


अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार सीएम दफ्तर में तैनात दो आईएएस अफसरों पर केस दर्ज होने के कारण वो निलंबित कर दिए गए हैं। जबकि अन्य तीन में से किसी को ट्रांसफर कर दिया गया है तो किसी ने छुट्टी की अरजी दी है तो एक ने अपने घर जाने की अरजी लगाई है।


इसका सीधा सा मतलब है कि जल्द ही सीएम केजरीवाल के दफ्तर में एक भी अफसर नहीं होगा। इस खबर पर एक सरकारी सूत्र ने कहा कि, 'इस तरह केजरीवाल का दफ्तर(सीएमओ) व्यावहारिक रूप से कमजोर हो जाएगा। और केजरीवाल के स्टाफ में कुल चार सदस्य बचेंगे। लेकिन कोई अफसरशाह नहीं होगा और ना ही सरकार में उनकी कोई भागीदारी होगी। चूंकि अफसर सरकार चलाने और उसके कामकाज में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और यह सरकार को पंगु बना देने का प्रयास लगता है।'वहीं सरकार के एक प्रवक्ता ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि 'जल्द ही सीएमओ में कोई अधिकारी नहीं होगा।'


जान‌िए कहां गए सभी अध‌िकारी

केजरीवाल के दफ्तर में तैनात पहले दो अफसर जिन्हें निलंबित किया गया उनमें केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और सीएम के पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी तरुण शर्मा हैं। केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले राजेंद्र कुमार और तरुण शर्मा को सीबीआई ने 2016 में अपने पद का दुरुपयोग करके एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कर ‌लिया था।इन दोनों ही अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था और राजेंद्र कुमार ने तो ये दावा किया था कि जांच करने वाले अधिकारियों ने उनसे ये वादा किया था कि अगर वो केजरीवाल को फंसा देते हैं तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा। राजेंद्र ने दिसंबर में स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के लिए अर्जी डाली थी।


सुकेश कुमार जो 1992 बैच के आईआरएस अफसर हैं उन्हें 2015 में केजरीवाल के स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया गया था। अब सुकेश अपने पूर्व पद पर जाना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को एक खत भी लिखा है। केजरीवाल के दफ्तर के एक अन्य अधिकारी 1995 बैच के दीपक वीरमानी दानिक्स कैडर के अधिकारी हैं। उन्हें केजरीवाल के अतिरिक्क सचिव के तौर पर एडिशनल प्रभार मार्च 2016 में सौंपा गया था। वीरमानी ने स्टडी लीव अप्लाई किया है। वो पॉलिसी रिसर्च का अध्ययन करने के लिए सरकारी सेवा से एक साल का अवकाश चाहते हैं। हालांकि‌ वो दिल्ली में ही पढ़ाई करेंगे।


1996 बैच की दानिक्स अधिकारी गीतिका शर्मा को गृह मंत्रालय ने उसी दिन ट्रांसफर ऑर्डर दे दिए थे जिस दिन 2016 में राजेंद्र कुमार और सुकेश जैन गिरफ्तार हुए थे। गीतिका को अंडमान ट्रांसफर किया जा रहा था, हालांकि उनका ट्रांसफर रोक लिया गया।

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