19 July 2022 | 04:54PM
नई दिल्ली: आयकर विभाग ने नवंबर 2021 में एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) को लॉन्च किया था. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत आईटीआर भरते समय इस फॉर्म में दी गई जानकारी को पुख्ता होना आवश्यक है| क्योंकि इस फॉर्म में सालभर में की गई हर तरह की फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन का ब्योरा दर्ज होता है|
आयकर रिटर्न भरने की तारीख नजदीक आती जा रही है| ऐसे में जितनी जल्दी हो सके इसे भर लेना चाहिये, क्योंकि आखिरी दिनों में भारी बोझ से वेबसाइट के खुलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है| आयकर रिटर्न भरते समय एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट यानी वार्षिक सूचना विवरण में दी गई जानकारी पूरी तरह सही होने चाहिए| ऐसा नहीं होने पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है|
आयकर विभाग ने नवंबर 2021 में एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट को लॉन्च किया था| इसे आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है| इनकम टैक्स Act 1961 के तहत आईटीआर भरते समय AIS फॉर्म में दी गई जानकारी का पुख्ता होना आवश्यक है| क्योंकि इस फॉर्म में सालभर में की गई हर तरह की फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन का ब्योरा दर्ज होता है, जिससे आयकर विभाग आपकी इनकम और संपत्ति के बारे में सही आंकड़ा जुटा पाता है|
क्या होता है AIS फॉर्म
एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) यानी वार्षिक सूचना विवरण फॉर्म को सरकार ने करदाताओं की मदद के लिए है. इसकी मदद से करदाता के लिए अपना आईटीआर भरना काफी आसान हो जाता है| क्योंकि, एआईएस यानी एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट में सालभर की सभी फाइनेंसियल विवरण मतलब अलग-अलग स्रोतों से कमाई का ब्योरा दर्ज होता है| आईटीआर भरते समय करदाता अपने कमाई का ब्योरा इससे देखकर इनकम टैक्स रिटर्न में खुलासा कर सकता है|
AIS फॉर्म जांचना क्यों जरूरी
उदाहरण से AIS के बारे में समझते हैं| इस साल का आयकर रिटर्न भरते समय आप AIS फॉर्म को चेक करने के लिए डाउनलोड करना भूल गए| ऐसे में लेकिन, AIS फॉर्म में कोई गलती है जो आप नहीं सुधारे पाए हैं| मसलन आपका कोई बैंक अकाउंट 2 साल से बंद है| लेकिन, बैंक अकाउंट से आपको ब्याज मिला है, जिसकी जानकारी आपको नहीं है| लेकिन, इसका ब्योरा AIS फॉर्म में दर्ज रहता है| इसीलिए AIS फॉर्म चेक करना जरूरी है| खासकर उन लोगों के लिए जिनके एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं या एक दो-साल में बंद कराए थे|
एक्सपर्ट का सुझाव
इंडसलॉ के शशि मैथ्यूज कहते हैं कि आईटीआर में सभी कमाई के स्रोतों का खुलासा करना मैंडेटरी है| इसके लिए AIS फॉर्म उपलब्ध कराया जाता है, ताकि करदाता अपनी कमाई का ब्योरा चेक करने के बाद में उसे आईटीआर में दर्ज कर सके| AIS फॉर्म में गलती पाए जाने पर किसी आयकर विभाग की ओर से करदाता पर कोई पेनाल्टी लगाने का नियम नहीं है| लेकिन, सही जानकारी नहीं दिए जाने पर आयकर विभाग करदाता को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांग सकता है| जिसमें आपका कीमती समय खर्च होने के साथ मानसिक परेशानी भी बढ़ेगी| इसलिए आईटीआर भरते समय AIS फॉर्म जरूर चेक करें|