23 October 2017 | 2.36 PM
वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली लागू होने से उद्योगों को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी में छूट का संशय दूर हो गया है। सरकार का ये फरमान व्यापारियों के लिए खुशखबरी लेकर आया है।
वाणिज्य मंत्रालय ने जीएसटी में टैक्स छूट के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। जिन उद्योगों की 10 साल की अवधि पूरी नहीं हुई है, उन्हें सीजीएसटी व आईजीएसटी के आधार पर टैक्स रिफंड किया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य में करीब 1500 उद्योगों को टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। इसके लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर विभाग ने उद्योगों का सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कश्मीर के साथ नार्थ ईस्ट के राज्यों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में 10 साल के लिए छूट दी थी।
अधिसूचना प्रारूप जारी
एक जुलाई 2017 से जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद उद्योगों को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी में छूट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। एक्साइज ड्यूटी व सर्विस टैक्स भी जीएसटी में समायोजित होने से उद्योगों को टैक्स छूट का लाभ कैसे मिलेगा।
यह जीएसटी के प्रावधानों में स्पष्ट नहीं था। लेकिन अब वाणिज्य मंत्रालय में अधिसूचना प्रारूप जारी किया गया। इसमें प्रावधान है कि 10 साल की अवधि पूरी न करने वाले उद्योगों की ओर से सीजीएसटी व आईजीएसटी में जितना टैक्स जमा किया गया जाएगा।
उसका सीजीएसटी में 58 प्रतिशत और आईजीएसटी में 29 प्रतिशत टैक्स वापस होगा। उत्तराखंड में करीब 1500 उद्योग ऐसे हैं, जिनकी दस साल की अवधि पूरी नहीं हुई है। इन उद्योगों को टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।
उद्योगों का सत्यापन शुरू
राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त पीयूष कुमार ने उद्योगों को टैक्स छूट देने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी होने की पुष्टि की है। 31 मार्च 2020 को उद्योगों को दी गई दस साल की अवधि समाप्त होगी। पहले एक्साइज ड्यूटी में छूट के दायरे में करीब तीन हजार उद्योग थे।
इसमें अधिकतर उद्योगों ने टैक्स छूट की अवधि पूरी कर ली है। जीएसटी में टैक्स छूट का लाभ लेने वाले उद्योगों का सत्यापन शुरू हो गया है। करीब 700 उद्योगों की डिटेल विभाग को मिल चुकी है।
केंद्र सरकार ने उद्योगों को टैक्स छूट देने के लिए उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, पश्चिमी बंगाल, सिक्किम राज्य के लिए 27 हजार करोड़ बजट का प्रावधान किया है। इसमें उत्तराखंड को करीब 5 से 10 हजार करोड़ टैक्स छूट के रूप में मिलेगा।