18 August 2018 | 11.31 AM
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान आज पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री की शपथ लेने के लिए तैयार हैं. थोड़ी देर में ही इमरान खान इस्लामाबाद में पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. भारत से नवजोत सिंह सिद्धू इमरान के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए शुक्रवार को ही पाकिस्तान पहुंच चुके हैं.
शपथ से पहले जब उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ ने संसद में बहुमत साबित किया तो इमरान खान ने वादों की झड़ी लगा दी. पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली की कुल 336 सीटों में इमरान खान को बहुमत के लिए 173 सीटों की जरूरत थी. इमरान ने बहुमत से तीन सीटें ज्यादा हासिल कर लीं.
नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने ऐलान किया कि 65 वर्षीय इमरान (तहरीक-ए-इंसाफ) को 176 वोट मिले जबकि शहबाज शरीफ (PML-N) को 96 वोट मिले. इमरान जादुई आकंड़े को पार कर चुके थे, लिहाज़ा क्रिकेट की दुनिया का तेज गेंदबाज राजनीति की पिच पर धाकड़ बल्लेबाजी करने लगा. अब पाकिस्तान का मुस्तकबिल इमरान के हाथ में है.
देश लूटने वालों पर होगी कार्रवाई
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया. संसद में अपने पहले संबोधन में इमरान ने पाकिस्तान को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई का इरादा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि मैं आज अपने वतन से वादा करता हूं कि हम वो तब्दीली लाएंगे जिसके लिए यह मुल्क लंबे समय से कोशिश करता रहा है. इमरान ने कहा, हमें इस देश में सख्त जवाबदेही कायम करनी है. मैं वादा करता हूं कि मैं पाकिस्तान को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करुंगा. जिस काले धन को सफेद किया गया, मैं उसे वापस लाऊंगा. जो पैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी पर खर्च होने चाहिए थे, वे लोगों की जेब में चले गए.
22 वर्षों के संघर्ष के बाद मुकाम हासिल किया
उन्होंने कहा कि वह ऐसी चुनाव प्रणाली बनाएंगे जिससे कोई भी व्यक्ति भविष्य में चुनावों में खामियां नहीं तलाश पाएगा. इमरान ने कहा, कोई मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश नहीं करे. इमरान ने कहा, मैं किसी तानाशाह के कंधों पर चढ़कर नहीं आया, मैं 22 सालों के संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचा हूं. सिर्फ एक नेता ने मुझसे ज्यादा संघर्ष किया और वह मेरे हीरो (पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली) जिन्ना थे.
गौरतलब है कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को हुए आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने 116 सीटें जीती थीं, लेकिन इमरान समेत कुछ उम्मीदवारों के एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने की वजह से पार्टी को छह सीटें छोड़नी पड़ीं. चुनाव आयोग ने पीटीआई को नौ सीटें अल्पसंख्यक कोटे की और 33 सीटें आरक्षित कोटे की दीं. उसके पास कुल 152 सीटें हैं और बहुमत के लिए पीटीआई ने कई छोटे दलों से गठबंधन किया.