9 May 2017 | 12.20 PM
नई दिल्ली : टोल प्लाजा पर जल्द ही बिना रूके भुगतान हो जाएगा. इससे देशभर के करीब 391 टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम से लोगों को राहत मिलेगी, जबकि वाहनों की औसत रफ्तार 30-40 फीसदी बढ़ जाएगी. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय इस संबंध में 3 मई को ही अधिसूचना जारी कर चुका है. इस अधिसूचना के मुताबिक, 1 जुलाई से सभी व्यावसायिक वाहनों के शीशे पर (ड्राइवर के बाईं ओर) फास्टटैग लगाना अनिवार्य होगा. वाहन निर्माता कंपनियां शोरूम को फास्टटैग युक्त वाहन ही भेजेंगी.
फास्टटैग के दायरे में अभी सिर्फ व्यावसायिक वाहन
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो अभी यह नियम सिर्फ व्यावसायिक वाहनों पर लागू किया गया है. बाद में कारों और दूसरे निजी वाहनों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा. सरकार ने जीएसटी के तहत राज्य सीमा भी समाप्त कर दी है. सीमा पर जांच-व्यवस्था कम की गई है. इसी कड़ी में फास्टटैग को अनिवार्य किया गया है जिससे देश में व्यावसायिक वाहनों की रफ्तार बढ़ सके.
फास्टटैग को दूर से ही पढ़ लेगा टोल पर लगा सेंसर
ईटीसी लगे वाहनों के लिए टोल प्लाजा पर अलग से लेन होगी. प्लाजा पर लगे सेंसर फास्टटैग को कुछ मीटर की दूरी से ही पढ़ लेगा और खुद-ब-खुद टैक्स अदा हो जाएगा. कुछ देर में यात्री को उसके बैंक एकाउंट से निकलने वाले पैसे की जानकारी एसएमएस के जरिये मोबाइल पर मिल जाएगी. भविष्य में इस टैग के जरिये पेट्रोल भरवाने और राज्य सीमा के चेकपोस्ट पर भुगतान करने जैसे काम भी किए जा सकेंगे.
हर साल 60000 करोड़ के ईंधन की होगी बचत
एक आंकलन के मुताबिक, देशभर में टोल प्लाजा पर जाम के कारण हर साल 60 हजार करोड़ रुपये का ईंधन बर्बाद हो जाता है. इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है. सरकार की फास्टटैग की व्यवस्था से देश को काफी फायदा होगा. वाहन चालक फास्टटैग में 500 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का रिचार्ज करा सकते हैं. फास्टटैग की नई कीमत अब 130 रुपये होगी जो पहले 70 रुपये थी.