29 June 2022 | 01:05
नई दिल्ली: राज्यों के वित्त मंत्रियों की तरफ से दिए गए कई सुझावों को मानने के बाद अब दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसी पैक्ड ब्रांडेड चीजों पर GST लगाने का फैसला लिया गया है|
महंगाई से जूझ रहे आम आदमी को एक और झटका लगा है। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग (GST Council Meeting) में दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त ब्रांडेड चीजों पर GST लगाने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा चेक जारी करने के एवज में बैंकों की तरफ से ली जाने वाली फीस पर भी जीएसटी देना पड़ेगा|
छूट वापस लेने की सिफारिश को माना
अधिकारियों ने बताया कि राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की अधिकतर सिफारिशों को मान लिया है। GST से जुड़े मुद्दों पर दरों को युक्तिसंगत बनाने के मकसद से छूट वापस लेने की सिफारिशें आई थीं। आपको बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं|
इन चीजों पर लगेगा 5 प्रतिशत जीएसटी
परिषद ने दो दिन की बैठक के पहले दिन मंगलवार को जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया| यह छूट फिलहाल डिब्बाबंद और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों को मिलती है| इससे डिब्बा बंद मांस (फ्रोजन छोड़कर), मछली, दही, पनीर, शहद, सूखा मखाना, सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, मूरी, गुड़, सभी वस्तुएं और जैविक खाद जैसे उत्पादों पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा|
महंगा हो जाएगा होटल में रुकना
इसी प्रकार, चेक जारी करने पर बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा| Atlas
समेत नक्शे और चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा| वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी| इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने की बात कही गयी है| अभी इसपर कोई टैक्स नहीं लगता है|
कुछ चीजों पर कम हो सकता है जीएसटी
भारांश औसत जीएसटी को बढ़ाने के लिये दरों को युक्तिसंगत बनाना महत्वपूर्ण है| भारांश औसत जीएसटी घटकर 11.6 प्रतिशत पर आ गया है जो इस कर व्यवस्था के लागू होने के समय 14.4 प्रतिशत था| जीएसटी परिषद ने खाद्य तेल, कोयला, एलईडी लैंप, ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, तैयार चमड़ा और सौर बिजली हीटर समेत कई उत्पादों पर उलट शुल्क ढांचे (कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं के मुकाबले तैयार उत्पादों पर अधिक कर) में सुधार की भी सिफारिश की है|
आज इन चीजों पर होगा विचार
परिषद बुधवार को राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति व्यवस्था जून, 2022 के बाद भी जारी रखने की मांग पर विचार कर सकती है| इसके अलावा कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है|
छत्तीसगढ़ जैसे विपक्ष-शासित राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को 5 साल के लिए बढ़ाने या राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70-80 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं| जीएसटी प्रणाली में सुधार पर भी राज्यों के वित्त मंत्रियों की रिपोर्ट को मंजूरी दी गयी| इसमें उच्च जोखिम वाले करदाताओं के बॉयोमीट्रिक सत्यापन के साथ वास्तविक समय में बैंक खातों के सत्यापन का सुझाव दिया गया है|