16 January 2018 | 10.52 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले में देश की सबसे आधुनिक रिफाइनरी के कार्य का शुभारंभ करेंगे. यह कार्यक्रम पचपडरा में आयोजित होगा. पचपडरा राजधानी जयपुर से करीब 450 किमी दूर है. कांग्रेस का आरोप है कि इस रिफाइनरी का शिलान्यास पहले ही तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर चुकी हैं. फिर पीएम क्यों ऐसा कर रहे हैं. इस 43,000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना के चार साल में पूरा होने के बाद इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. यह 9 एमएमटीपीए (मिलियन मिट्रिक टन प्रति साल) क्षमता वाली रिफाइनरी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) व राजस्थान सरकार का एक संयुक्त उद्यम है. इसके उत्पाद बीएस-वीआई उत्सर्जन के मानकों के अनुरूप होंगे.
इस बीच बाड़मेर रिफाइनरी को लेकर कांग्रेस व राजस्थान की सत्तारूढ़ भाजपा के बीच राजनीतिक बहस तेज हो गई है. रिफाइनरी को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से सवाल किया था कि रिफाइनरी का शिलान्यास फिर से क्यों किया जा रहा है, जब यह पहले ही 2013 में हो चुका है. इसके तुरंत बाद वितरित किए गए आमंत्रण पत्र में 'कार्य शुभारंभ समारोह' लिखा गया है. गहलोत ने इस पर त्वरित टिप्पणी में कहा कि यह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार का मुंह छिपाने जैसा कदम है.
2013 में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने सोनिया गांधी को बुलाकर तेल रिफाइनरी का शिलान्यास करवाया था. वसुंधरा राजे ने सत्ता में आते ही इसे घाटा का सौदा बताकर बंद कर दिया. अब 2018 में विधानसभा चुनाव है तो वसुंधरा राजे ने 16 जनवरी को फिर से शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले पर बीजेपी पर उन्हीं के हिंदू कर्म-कांड का हवाला देकर कह रहे हैं कि एक जगह हुए मंत्रोच्चार के कार्यक्रम को रद्द कर उसी जगह पूजा करना ठीक नहीं है.