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GST की अहम मीटिंग में आज हो सकते हैं ये बड़े ऐलान! महंगी हो सकती हैं रोजमर्रा की चीजें

18 December 2019 | 12.21 PM

नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल (GST council Meeting) की आजअहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर विचार किया जाएगा. जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) को बढ़ाने के लिए जीएसटी के ढांचे में बदलाव करने का प्लान किया जा रहा है. जीएसटी कलेक्शन की भरपाई करने के लिए जीएसटी दर (GST Rate) और सेस में बढ़ोतरी की जा सकती है.

जीएसटी और सेस की दरों की समीक्षा के बारे में मांगे सुझाव

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने जीएसटी और सेस की दरों की समीक्षा के बारे में सुझाव मांगे हैं. जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के वास्ते काउंसिल ने विभिन्न सामानों पर दरों की समीक्षा करने, उल्टे कर ढांचे को ठीक करने के लिए दरों को तर्कसंगत बनाने, राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिये वर्तमान में लागू किए जा रहे उपायों के अलावा अन्य अनुपालन उपायों के बारे में सुझाव मांगे हैं.

टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव

निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स स्लैब में बदलाव किए जाने के भी आसार हैं. जीएसटी संग्रह के लक्ष्य से लगातार पीछे चल रही सरकार ने कमाई बढ़ाने के लिए जीएसटी अधिकारियों से सलाह मांगी थी, जिसमें सिफारिश की गई है कि 5 फीसदी टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 8 फीसदी किया जाए.

बढ़ रही है महंगाईरिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सहित कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने ऐसी आशंका जताई है कि भारत सुस्त आर्थिक वृद्धि और ऊंची मुद्रास्फीति के दौर में पहुंच रहा है. ऐसी स्थिति बन रही है जहां आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती जारी रहने के बावजूद मुद्रास्फीति में तेजी का रुख बन रहा है. खाद्य उत्पादों के बढ़ते दाम की वजह से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति तीन साल के उच्च स्तर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई. दूसरी तरफ औद्योगिक उत्पादन लगातार तीसरे माह घटता हुआ अक्टूबर में 3.8 प्रतिशत घट गया. इससे अर्थव्यवस्था में एक तरफ जहां सुस्ती दिख रही है वहीं दूसरी तरफ मुद्रास्फीति सिर उठा रही है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि छह साल के निम्न स्तर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई.

धोखाधड़ी पकड़ने बढ़ेगा GST कलेक्शन

अमित मित्रा ने कहा, दरें बढ़ाने और नये टैक्स लगाने अथवा सेस बढ़ाने के बजाय जीएसटी काउंसिल को उद्योगों को राहत पहुंचाने के तौर तरीके तलाशने चाहिये ताकि ये क्षेत्र मौजूदा संकट से उबर सकें. अतिरिक्त टैक्स राजस्व जुटाने का समाधान कर की दरों में छेड़छाड़ करने से नहीं बल्कि कर अपवंचना और धोखाधड़ी पकड़ने के उपायों से होगा.

सरकार ने राज्यों को जारी किए 35 हजार करोड़ रुपये

बहरहाल, राज्यों की उन्हें राजस्व क्षतिपूर्ति भुगतान में हो रहे विलंब की शिकायतों के बाद सोमवार को केन्द्र सरकार ने कुल 35,298 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को जारी कर दी है. देश में जीएसटी व्यवसथा एक जुलाई 2017 को लागू हुई थी. जीएसटी लागू करते समय केन्द्र ने राज्यों को उनके राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई करने का आश्वासन दिया था.

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