8 June 2022 | 05:54
नई दिल्ली: आयकर कानून में एक नई धारा 194आर जोड़ी गई, जिसके तहत एक वर्ष में यदि 20,000 रुपये या अधिक का अनुलाभ दिया जाता है, तो उस पर 10 प्रतिशत टीडीएस देना होगा।
1 जुलाई से TDS से जुड़ा कर कटौती का नया नियम लागू हो रहा है। इसके तहत बजट में आयकर कानून में एक नई धारा 194आर जोड़ी गई, जिसके तहत एक वर्ष में यदि 20,000 रुपये या अधिक का अनुलाभ दिया जाता है, तो उस पर 10 प्रतिशत टीडीएस देना होगा। नया प्रावधान एक जुलाई से लागू होगा।
वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि किसी व्यवसाय या पेशे में मिलने वाले अनुलाभों या अतिरिक्त सुविधाओं के संबंध में नए स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) प्रावधानों को लेकर भ्रम को दूर किया जाएगा। वित्त मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि इस तरह की सुविधाएं अतिरिक्त लाभ में आते हैं और इस पर कर लागू होगा।
वहीं अगर आपने वित्त वर्ष 2020-21 के तहत इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो आप नॉन इनकम टैक्स फाइलर के लिस्ट में आएंगे। इसका मतलब है कि आपको वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ( सीबीडीटी ) ने कुछ दिशानिर्देशों में ढील देते हुए गैर-फाइलर्स के लिए एक परिपत्र जारी किया है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अधिक टैक्स कटौती के अंतर्गत आता है।
जारी सर्कुलर के अनुसार, अगर कोई पिछले वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया था और उसका कुल टीडीएस और टैक्स उस वर्ष 50,000 रुपये से अधिक था, तो यह अधिक टीडीएस के अधीन आता है। साथ ही यह भी कहा गया है कि बैंकों को उच्च टीडीएस की जांच करना होगा।
जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 के दौरान टैक्स कटौतीकर्ता और कलेक्टर पर बोझ को कम करने के लिए उच्च कर कटौती व्यक्तियों की सूची में किसी का भी नाम नहीं है। इसके अनुसार, यदि कोई संबंधित व्यक्ति FY23 के दौरान निर्धारण वर्ष 2021-22 के लिए आय की वैध विवरणी (दायर और सत्यापित) दाखिल करता है, तो उसका नाम कर कटौती व्यक्तियों की सूची से हटा दिया जाएगा। यह आय की वैध रिटर्न दाखिल करने की तिथि पर किया जाएगा।
करोबारी के मामले में कर छूट का नियम
यह धारा 206AB के प्रावधान अधिनियम की धारा 1948 के तहत एक व्यक्ति वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) के ट्रांसफर में कर कटौती के अंतर्गत नहीं आएगा। वहीं कारोबार के मामले में 50 लाख या 1 करोड़ से अधिक के वीडीए ट्रांसफर पर कर कटौती की छूट दी जाती है।
ये लोग उच्च कर कटौती की लिस्ट में नहीं
सर्कुलर में कहा गया है कि धारा 206AB और 206CCA के प्रावधानों के अनुसार, कोई भी ऐसा व्यक्ति उच्च कर कटौती की लिस्ट में शामिल नहीं होगा, जो भारत का निवासी नहीं है।