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आयकर विभाग अब 10 वर्ष पुराने खातों की भी जाँच कर सकता हैं, आयकर अधिनियम में हुए संशोधन

04 July 2022 | 05:01PM

नई दिल्ली: दस साल पुराना लेन-देन भी आयकर की राडार में 10 वर्ष पुराने खातों की जाँच कर सकता है आयकर विभाग टैक्स चोरी करने वाले हो जाएँ सावधान 10 साल पुराना लेन-देन भी आयकर के राडार में वसूला जा सकता है 77.25 प्रतिशत टैक्स|

आयकर विभाग 10 साल पुराने लेन-देन पर जाँच कर सकता है | नियमों में किए गए बदलाव के अनुसार अगर करदाता ने 50 लाख या उससे ज्यादा की आय छिपाई है तो आयकर अधिकारी उसके खातों की 10 वर्षों की जाँच कर सकता है | आयकर अधिनियम में हुए संशोधनों के बाद अब ऐसे खाताधारकों की मुश्किलें बढ़ चुकी है, जिन्होंने टैक्स चोरी की है | प्रदेश में वर्तमान में साढ़े 11 लाख से अधिक करदाता हैं|

नियमों में किए गए बदलाव के अनुसार अगर करदाता ने 50 लाख या उससे ज्यादा की आय छिपाई हैं तो आयकर अधिकारी उसके खातों की 10 वर्षों की जाँच कर सकता हैं | यह करदाता की संपत्ति के अलावा उसके द्वारा किया गया लेन-देन भी हो सकती हैं और उसके खातों की जाँच होगी | छिपाई हुई संपत्ति सोना - चांदी या नकद या शेयर भी हो सकता हैं | करदाताओं को हमेशा ही अपने आय की जानकारी होनी चाहिए | अगर आय के स्त्रोत की जानकारी नहीं हैं, उस स्थिति में भी करदाताओं को भरी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं| स्त्रोत की जानकारी नहीं होने पर टैक्स के साथ ही जेल जाना पड़ सकता हैं |
आयकर बार पूर्व अध्यक्ष का कहना हैं कि फाइनेंस बिल 2022 में यह बदलाव किया गया हैं| इसके अनुसार करदाता अगर 50 लाख या उससे ज्यादा की आय छिपाता हैं तो आयकर अधिकारी उसके खातों की 10 वर्षों की जाँच कर सकता हैं| सभी करदाताओं को अपना टैक्स पूरी ईमानदारी से भरना चाहिए |

आयकर विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कई ऐसे संदिग्ध खाते हैं, जिनकी जाँच की जा सकती हैं विभागीय सूत्रों का कहना हैं कि पुराने मामलो में टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितता के मामलों में विभाग शीघ्र ही 10 वर्ष पुराने लेन - देन की जाँच कर सकता हैं | गौरतलब हैं की इससे पहले आयकर विभाग के पास अधिकतम छह वर्ष तक जाँच करने का अधिकार था, इसे वर्तमान तीन वर्ष कर दिया गया हैं | अब विशेष परिस्थिति में 10 वर्ष पुराने लेनदेन पर आयकर विभाग जाँच कर सकता हैं | बताया जा रहा हैं की फाइनेंस बिल 2022 में यह बदलाव किया गया हैं |

कर विशेषज्ञों ने बताया कि इस प्रकार की जाँच से बचने के लिए करदाताओं को चाहिए कि घर में शादी या अन्य उत्सव में होने वाले खर्चो का हिसाब भी अपने बही खाते में दर्ज करे| ऐसा ना करने पर आयकर विभाग द्वारा 77.25 फीसदी टैक्स वसूल सकती हैं| किसी भी करदाता ने किसी वर्ष के कर निर्धारण के बाद आयकर अधिकारी को यह विश्वास होता हैं कि करदाता ने आय छिपाई तो आयकर अधिकारी नोटिस भिजवा सकता हैं | साथ ही कर निर्धारण वर्ष कि समाप्ति के तीन वर्ष से ज्यादा के खातों की जाँच नहीं हो सकती | 10 वर्ष के खातों के खातों की जाँच का नियम विशेष परिस्थिति में लागू होता हैं |

 

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