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ICAI: व्यक्तिगत जीवन में खराब व्यवहार से भी रद्द हो सकता है CA का लाइसेंस

27 November 2018 | 12.29 PM

मुंबई: सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट से चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। इस आदेश में कहा गया है कि कामकाज के औपचारिक दायरे से बाहर भी अगर खराब व्यवहार का कोई मामला सही पाया गया तो चार्टर्ड एकाउंटेंट्स पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा की एक बेंच ने हाल में एक जजमेंट में कहा है कि अगर किसी सीए का व्यवहार ऐसा पाया गया, जिससे इस प्रोफेशन की 'बदनामी' हो तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है, भले ही वह हरकत उसके प्रोफेशनल वर्क से संबंधित न हो। यह जजमेंट शुक्रवार को पब्लिश किया गया था।

हो सकती है कार्रवाई

सीए लाइसेंस इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया जारी करता है। कोर्ट ने यह जजमेंट उस मामले में दिया, जिसमें ICAI और एक सीए गुरविंदर सिंह आमने-सामने थे। इसके केंद्र में मसला 100 शेयरों की बिक्री के बाद सिंह के बर्ताव पर केंद्रित था। इसी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी थी कि पेशेवर कामकाज से बाहर के दायरे में किसी सीए के 'खराब' बर्ताव के लिए उस पर कार्रवाई की जा सकती है।

इस प्रोफेशन से जुड़े लोगों ने कहा कि कोर्ट के इस जजमेंट के बाद उन सीए का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है, जिनके बारे में यह बात साबित हो जाएगी कि उनके व्यवहार से इस प्रोफेशन की 'बदनामी' हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे सीए पर ICAI प्रतिबंध भी लगा सकता है। ICAI के पूर्व अध्यक्ष मनोज फड़नीस ने कहा कि ICAI काउंसिल ने सिंह को अपने रोल्स से छह महीने के लिए हटा दिया था और रेगुलेशंस के अनुसार यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट को रेफर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फड़नीस ने कहा, 'अब हमारी पोजिशन सेटल हो गई है। अब ऐसे और अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे।

नहीं दिया जबाव

ICAI प्रेसिडेंट एन डी गुप्ता ने ईटी की कई कॉल्स और मेसेज का जवाब नहीं दिया। वहीं ICAI के वाइस प्रेसिडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ ने कमेंट करने से मना कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट 1949 के सेक्शन 21(3) का सहारा लिया। यह सेक्शन कहता है कि अगर किसी सीए पर किसी ऐसे अपराध का आरोप हो, जिसमें छह महीने से कम की सजा हो सकती हो तो इंस्टीट्यूट अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है।

' इस जजमेंट ने अब ICAI की राय पर मुहर लगा दी है। हम सामान्य तौर पर इस उदाहरण का सहारा लेते हैं कि अगर कोई सीए शराब पीकर ड्राइव करता है या सार्वजनिक जगह पर कोई ऐसी हरकत करता है, जिससे इस प्रोफेशन की बदनामी हो सकती हो तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, भले ही उसने वह हरकत अपनी प्रोफेशनल कैपेसिटी में न की हो।'- मनोज फड़नीस, पूर्व अध्यक्ष, ICAI

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