02 Aug. 2022 | 01:34PM
नई दिल्ली: 31 जुलाई से पहले दाखिल आयकर रिटर्न की समय अवधि में कोई कटौती नहीं हुई है। घटी हुई समय सीमा 1 अगस्त से लेकर 31 दिसम्बर 2022 तक रिटर्न दाखिल करने वालों के ई-वेरिफिकेशन पर लागू होगी।
आयकर की आखिरी तारीख बीत जाने के बाद जो करदाता रिटर्न दाखिल करेंगे उनके लिए जुर्माना तो लगेगा ही साथ ही सरकार ने ई-वेरिफिकेशन के नियम भी सख्त कर दिए हैं। वित्तमंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक अब ऐसे लोगों को ई-वेरिफिकेशन के लिए सिर्फ 30 दिन ही मिलेंगे।
वेरिफिकेशन की तारीख को ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख मानी जाएगी
घटी हुई समय सीमा 1 अगस्त से लेकर 31 दिसम्बर 2022 तक आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के ई-वेरिफिकेशन पर लागू होगाी। यही नहीं वेरिफिकेशन की तारीख को ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख मानी जाएगी और उसी हिसाब से लोगों के ऊपर ब्याज और लेट फीस लगाई जाएगी।
तो क्या रिटर्न दाखिल नहीं माना जाएगा?
नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर ये डेडलाइन कोई करदाता पूरी नहीं कर पाता है तो उसका रिटर्न दाखिल नहीं माना जाएगा। यही नहीं वित्तवर्ष 2021-22 और असेसमेंट वर्ष 2022-23 के लिए 31 दिसंबर 2022 के बाद रिटर्न दाखिल करने पर रोक है। हालांकि हालांकि 31 जुलाई तक भरे जा चुके आयकर रिटर्न के लिए पहले की ही तरह ई-वेरिफिकेशन के लिए 120 दिन का समय मिलेगा।
5.83 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 31 जुलाई तक 5.83 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 7.1 करोड़ के करीब आयकर रिटर्न दाखिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक पिछले साल दिसंबर तक भी 5.83 करोड़ के करीब ही रिटर्न दाखिल हुए हैं। इसके अलावा इस साल की आयकर रिटर्न प्रक्रिया के दौरान सरकार को बड़े पैमाने पर सुझाव मिले हैं जिन पर अमल करके आने वाले सालों में इस प्रक्रिया को और आसान बनाने की कवायद शुरू की जाएगी।