8 May 2017 | 12.24 PM
स्मार्टफोन और दूसरे उपकरणों के ज्यादा इस्तेमाल से युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े खतरों का जोखिम बढ़ जाता है. इससे ध्यान और व्यवहार जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना में डरहम के ड्यूक यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च की प्रमुख लेखक ने कहा कि युवाओं में टेक्नलॉजी का इस्तेमाल कम करने वाले दिनों की अपेक्षा ज्यादा इस्तेमाल करने के दिनों में व्यवहार की समस्याएं बढ़ जाती हैं. इसमें युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लक्षणों को देखा गया है. इसमें उनके हर दिन सोशल मीडिया, इंटरनेट के इस्तेमाल के समय को शामिल किया गया है.
इस रिसर्च में 151 युवाओं के हर रोज के स्मार्टफोन के इस्तेमाल का सर्वेक्षण किया गया है. उनका सर्वेक्षण दिन में तीन बार किया गया. यह सिलसिला महीने भर तक चला. इसके 18 महीने बाद उनके मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों का मूल्यांकन किया गया. इसमें 11 साल से 15 साल के बीच के युवाओं ने भाग लिया. किशोरों ने एक दिन में औसतन करीब 2.3 घंटे टेक्नलोजी पर खर्च किए. शोधकर्ताओं ने पाया कि उन दिनों में जब युवाओं ने अपने उपकरणों का इस्तेमाल सामान्य से ज्यादा किया और उन्होंने अपने साथियों से औसतन ज्यादा इस्तेमाल किया तो उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं जैसे झूठ बोलना, लड़ाई और दूसरी व्यवहारिक समस्याएं दिखीं.
रिसर्च में यह भी पाया गया कि वे युवा , जिन्होंने ऑनलाइन समय बिताया, उनमें 18 महीने बाद व्यवहारिक समस्याएं की दिक्कतें देखी गईं. हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि टेक्नलॉजी का इस्तेमाल कुछ सकारात्मक नतीजों से भी जुड़ा है. जिन दिनों में किशोरों ने टेक्नलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल किया, उस दौरान उनमें डिप्रेशन और चिंता के लक्षण कम दिखाई दिए.