7 December 2017 | 12.50 PM
सरकार ने ऐंटी-प्रॉफिटिअरिंग ऐप्लिकेशन फॉर्म (APAF-1) जारी किया है, जिसकी मदद से सामान या सेवाओं का लाभ लेने वाला कोई भी ग्राहक ऐंटी-प्रॉफिटिअरिंग कमिटी (मुनाफाखोरी पर नजर रखने वाली समिति) के समक्ष शिकायत कर सकता है। EY India के टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने बताया कि इस ऐप्लिकेशन फॉर्म में सेल प्राइस (प्री-GST और पोस्ट GST), टैक्स (प्री-GST और पोस्ट GST), इनपुट क्रेडिट्स से फायदे आदि जैसी जानकारी भरनी होगी।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जिस चीज में ऐंटी-प्रॉफिटिअरिंग का आरोप लगाया जाएगा, उसमें हर सामान या सेवा के लिए अलग से फॉर्म भरने की जरूरत पड़ सकती है। गौरतलब है कि सामान या सेवाओं पर GST के रेट घटने की दशा में नैशनल ऐंटी-प्रॉफिटिअरिंग अथॉरिटी की ओर से मुनाफाखोरी रोकने के उपाय किए जाते हैं। हाल ही में सरकार ने GST के तहत 178 सामानों पर टैक्स रेट्स में बदलाव या कम किए।
बताया जा रहा है कि सरकार ऐसी ऐंटी-प्रॉफिटिअरिंग गाइडलाइंस पर विचार कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि GST के तहत टैक्स में कमी और इनपुट टैक्स क्रेडिट्स से मिले लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाया जा सके। जारी किए गए फॉर्म में इस बाबत विस्तृत जानकारी दी गई है। पेज-3 फॉर्म काफी विस्तृत है। इसमें आवेदक को अपने बारे में सामान्य सूचनाएं, सप्लायर के बारे में जानकारी खास तौर से उस सामान या सेवा के बारे में जिसमें लाभ नहीं दिया गया, भरना होगा।