11 December 2017 | 2.22 PM
जीएसटी काउंसिल के सदस्य और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जीएसटी परिषद 12 और 18 फीसदी की दरों को एक नए स्लैब में विलय करने की संभावनाओं की जांच करेगी। जीएसटी परिषद के सदस्य मोदी ने यह भी कहा कि सामानों के ऊपर लगाए जानेवाले मूल्य टैग में सभी करों समेत मूल्य लिखा होना चाहिए।
वित्तमंत्री भी दे चुके हैं संकेत
इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली भी 12 और 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब को मर्ज करने पर संकेत दे चुके हैं। वित्तमंत्री ने कहा था कि यदि ऐसा होगा कई और चीजों के दाम घटेंगे साथ ही 12 फीसदी टैक्स स्लैब की कुछ वस्तुएं 5 फीसदी के स्लैब में आ जाएंगी, जिससे लोगों को फायदा मिलेगा।
12-18% को मर्ज करने के संकेत
सुशील मोदी ने आगे कहा कि, "जीएसटी परिषद 12 फीसदी और 18 फीसदी के कर दरों को एक नए स्लैब में विलय करने की संभावना पर चर्चा करेगी। यह दर इन दोनों के बीच की एक दर हो सकती है। वहीं फिलहाल 50 वस्तुओं को 28 फीसदी के कर दायरे में रखा गया है, जिसमें से कई वस्तुओं को इससे निकाला जा सकता है।"
स्थिरता आने के बाद कर सकते हैं एलान
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित परस्पर संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "इन सब को राजस्व स्थिर हो जाने के बाद लागू किया जा सकता है और यह कर में उछाल आने पर निर्भर करता है।"
90% समस्याओं का समाधान
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि परिषद ने 178 सामानों पर कर की दरों को घटाकर कर से जुड़े 90 फीसदी मुद्दों का समाधान कर दिया है। उन्होंने कहा, "मैंने जीएसटी परिषद को सुझाव दिया है कि वस्तुओं पर अंतिम कीमत सभी करों को मिलाकर दर्ज की जानी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि परिषद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देगी।"