16 December 2017 | 1.20 PM
नई दिल्ली : गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) के संबंध में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जीएसटी काउंसिल की शनिवार को होने जा रही वाली बैठक में ई-वे बिल व्यवस्था को लागू करने और कर चोरी को रोकने के मुद्दों पर विचार किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक विडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली इसकी अध्यक्षता करेंगे।
इस बैठक में व्यवस्था की कमियों को दुरस्त करने के साथ-साथ कर चोरी को रोकने पर विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुड्स ऐंड सर्विसेज के संग्रहण में अक्टूबर में सितंबर के मुकाबले 12,000 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है जिस पर बैठक में महत्वपूर्ण तौर पर विचार-विमर्श किया जाएगा। काउंसिल का मानना है कि टैक्स चोरी इसकी एक प्रमुख वजह है।
यह जीएसटी काउंसिल की 24वीं बैठक है। पिछली बैठक गुवाहाटी में नवंबर में हुई थी। वहां 178 वस्तुओं पर से टैक्स को घटा दिया गया था। इस बैठक में ई-वे बिल एक जनवरी से कुछ चुनिंदा इलाकों में और एक अप्रैल से पूरे देश में लागू करने का निर्णय किया गया था। टैक्स वसूली में गिरावट के मद्देनजर कल होने वाली बैठक में ई-वे बिल लागू करने इसकी समय सीमा पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
अक्टूबर में जीएसटी वसूली 83,346 करोड़ रुपये रही यह सितंबर की 95,131 करोड़ रुपये की वसूली से काफी कम है। जेटली ने कल कहा था कि जीएसटी काउंसिल ने टैक्स चोरी रोकने के लिए ई-वे बिल का एक कार्यक्रम तय किया है। उन्होंने कहा था, 'मेरे ख्याल से ई-वे बिल की समय सारिणी के बारे में काउंसिल ने कुछ फैसला कर लिया है।
इससे वसूली बढ़ाने में मदद मिलेगी। जीएसटी के तहत 50000 रुपये से अधिक के माल को दूसरी जगह भेजने के लिए ई-वे बिल के माध्यम से नेटवर्क को सूचित करने की जरूरत होगी। पर राज्य के भीतर ही 10 किलोमीटर के दायरे में माल लाने ले जाने के लिए आपूर्तिकर्ता या ट्रांसपोर्टर को उसकी सूचना जीएसटी पोर्टल पर देने की जरूरत नहीं है।