17 June 2019 | 10.58 AM
आयुष्मान भारत योजना की बढ़ती पहुंच को देखते हुए सरकार अब इसे बेहतर बनाने के कदम उठाने में जुट गयी है. अब तक ABY के तहत सिर्फ नौ महीने में 29 लाख लोगों को इलाज का फायदा मिल चुका है.
अब केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत कराये गए इलाज के बारे में लोगों की प्रतिक्रिया लेना चाहती है. पिछले कुछ महीने में चुनावी अभियान के दौरान भी PM मोदी ने ABY के तहत अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की थी.
रिपोर्ट मे मिली जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार कम से कम 70,000 लोगों की प्रतिक्रिया लेना चाहती है. इस सर्वे का उद्देश्य ABY को बेहतर तरीके से लागू करने की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करना है.
क्या होंगे ABY के सर्वे के सवाल?
आपको ई-कार्ड कैसे मिला?
अस्पताल में इलाज और पंजीकरण में आपको क्या दिक्कतें आई?
ABY का लाभ पाने के लिए आप जिन लोगों से मिले, उनका रुख कैसा रहा?
क्या आपको इलाज की किसी प्रक्रिया में किसी बाधा का सामना करना पड़ा?
इस सर्वे के लिए टीम ABY के तहत इलाज करा रहे लोगों से मिलेगी. लोगों से प्रतिक्रिया लेने में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. सरकार इसके लिए एक एप डेवलप कर रही है. जानकारी जुटाने की प्रक्रिया में यह ध्यान रखा जायेगा कि इलाज करा रहे लोगों की निजी जानकारी कम से कम ली जाय.
सर्वे उत्तर प्रदेश, गुजरात, छतीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में किये जायेंगे. इन राज्यों से नरेंद्र मोदी सरकार कम से कम 6000 लोगों से जानकारी जुटाना चाहती है. ABY में हुआ बड़ा बदलाव सामाजिक क्षेत्र की मेडिकल सहायता योजना में बड़ा बदलाव किया गया है. इसके तहत मदद अब सिर्फ उन्हीं को मिलेगी, जो अन्य योजना (आयुष्मान भारत आदि) के लाभार्थी नहीं है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
दोनों ही योजनाओं में गरीब परिवारों को चिकित्सकीय सहायता दी जाती है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पास चिकित्सकीय मदद के लिए बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन भी सामने आए जो आयुष्मान भारत योजना के भी लाभार्थी थे. मंत्रालय के मुताबिक, जब आयुष्मान के तहत उन्हें पूरी चिकित्सकीय सहायता मिल रही है, तो फिर उन्हें किसी दूसरी योजना की ओर नहीं देखना चाहिए.