ईटीएस की रिसर्च बता रही है कि भारत में 1,23,000 स्टूडेंट्स के साथ जीआरई देने वालों की संख्या 13 प्रतिशत बढ़ी है। इसी तरह विदेशी शिक्षा के लिए आयोजित अन्य प्रवेश परीक्षाएं भी पिछले सालों में भारतीय स्टूडेंट्स की बढ़ती भागीदारी की पुष्टि कर रही हैं। विदेश पढ़ने जा रहे ढाई-तीन लाख भारतीय स्टूडेंट...
-इंडस्ट्री आंकड़े बताते हैं, हर साल करीबन 2.5 -3 लाख भारतीय स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई के लिए जाते हैं। - यूएस भारतीयों का पसंदीदा डेस्टिनेशन है जहां बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा में एनरोल कर रहे हैं। - पिछले दो सालों में यह आंकड़ा 71 प्रतिशत तक बढ़ा है।
- इसके साथ ही कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी व फ्रांस जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
- विदेशी यूनिवर्सिटीज़ में प्रवेश के लिए केवल स्कूल के अच्छे मार्क्स से काम नहीं चलता, बल्कि एक या
अधिक स्टैंडर्डाइज्ड टेस्ट जैसे सैट, एसीटी या एपी टेस्ट देने होते हैं।
-भारत में भी कुछ नए कॉलेज इन स्कोर्स को स्वीकारते हैं।
-ऐसे में भारतीय स्टूडेंट्स भी देशी-विदेशी यूनिवर्सिटीज़ से पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में इन परीक्षाओं में रजिस्टर कर रहे हैं।