दुनिया में हर कोई अमीर बनना चाहता है, लेकिन सही जानकारी और सटीक रणनीति के अभाव में हर किसी का अमीर बनने का सपना पूरा नहीं हो पाता। लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जो इन्वेस्टमेंट का बादशाह कहा जाता है। दुनिया इनके रणनीति का लोहा मानती है। लेकिन क्या आपको पता है कि वारेन बफे किन किताबों को पढ़कर निवेश के गुर सीखते हैं। वारेन बफे के जन्मदिन पर आपको बता रहे है कि बफे किन किताबों को फॉलो करते हैं। और कैसे आप भी इसका फायदा उठा सकते हैं।
द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर
बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखी किताब द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर को वारेन बफे अपने करियर के लिए लकी मानते हैं। बफे के मुताबिक आपको अगर इन्वेस्टमेंट से कमाना है तो आपको काफी पढ़ाई करनी पड़ती है। एक इंटरव्यू में बफे ने बताया था कि वो एक दिन में कम से कम 500 पेज पढ़ते हैं। बफे का कहना है कि बेंजामिन ग्राहम की इस किताब को पढ़ने के बाद मैनें इन्वेस्टमेंट के कई गुर सीखे, जिसका फायदा मेरे पोर्टफोलियों को मिला।
कॉमन स्टॉक्स एंड अनकॉमन प्रॉफिट्स
फिलिप ए फिशर द्वारा लिखी किताब कॉमन स्टॉक्स एंड अनकॉमन प्रॉफिट्स बफे की दूसरी सबसे फेवरेट किताब है। बफे के मुताबिक इन्वेस्टमेंट की फील्ड में यहां तक पहुंचने में इस किताब ने मुख्य भूमिका अदा की है। फिशर ने इस किताब में लिखा है कि स्टॉक्स चुनने और उससे प्रॉफिट कमाने का आपका अप्रोच कैसा होना चाहिए। इस किताब में स्टॉक्स की बारिकियों को लेकर भी बताया गया है। इसमें बताया गया है कि आपको उन कंपनियों के शेयर चुनने चाहिए जिनकी आमदनी, डिविडेंड, बुकवैल्यू और कैशफ्लो काफी मजबूत हो।
ईजी इन पर्स्वैश़न
ऐसा नहीं है कि वारेन बफे केवल स्टॉक मार्केट से जुड़ी किताबें ही पढ़ते हैं। जॉन मैनॉर्ड कीन्स द्वारा लिखी किताब ईजी इन पर्स्वैश़न भी वारेन बफे की पंसदीदा किताब है। इस किताब में रुस और जर्मनी के इकोनॉमिक हालात की चर्चा की गई है। इस किताब में बताया गया है कि कैसे साल 1919 से लेकर 1931 तक इन दो देशों ने इन्फेलशन पर कंट्रोल कर अपनी इकोनॉमी सही की। बफे ने इस किताब को एक उदाहरण के तौर पर लेते हुए अपने जीवन के कठिनाइयों को अवसरों में तब्दील किया।
क्लैश ऑफ कल्चर्स
जॉन बोगले की किताब क्लैश ऑफ कल्चर्स ने बफे को काफी पसंद है। बफे के इस किताब से इतनी सीख मिली कि बफे में 2012 में अपने कंपनी के एजीएम में सभी शेयरहोल्डर्स को इस किताब को पढ़ने की सलाह दी। बफे ने अपने शेयरहोल्डर लेटर में इस किताब का जिक्र करते हुए लिखा कि इन्वेस्टमेंट की फील्ड में कैसे कल्चर का भी अपना योगदान होता है ।