1 June. 2018 | 12.15 PM
नई दिल्ली आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मिनिस्ट्री ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से उस डिजिटल पेमेंट सर्विस के बारे में और जानकारी मांगी है, जिसकी टेस्टिंग वॉट्सऐप कर रहा है। फेसबुक का यह ग्लोबल मेसेजिंग ऐप इस सर्विस को इसी महीने भारत में औपचारिक रूप से लॉन्च करने वाला है।
मंत्रालय ने इससे पहले वॉट्सऐप पेमेंट सर्विस के बारे में NPCI से स्पष्टीकरण मांगा था। मामले से वाकिफ दो अधिकारियों ने बताया कि अब इसी हफ्ते मंत्रालय ने एक और लेटर भेजकर इस अमेरिकी सेवा की डेटा स्टोरेज पॉलिसी की डिटेल्स मांगी हैं और यह पूछा है कि इसकी पैरेंट कंपनी के साथ यूजर डेटा को किस तरह शेयर किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि नए लेटर की एक प्रति आरबीआई को भी भेजी गई है।
मंत्रालय ने इस बात को लेकर सवाल उठाए हैं कि वॉट्सऐप आरबीआई की ओर से तय टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन नॉर्म्स का पालन नहीं कर रही है। उसने यूजर डेटा के मैनजमेंट को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
NPCI ने मंत्रालय के पहले लेटर का अप्रैल में जवाब दिया था। एक अधिकारी ने बताया, 'डिपार्टमेंट NPCI के जवाब से संतुष्ट नहीं था, लिहाजा कुछ सवाल फिर पूछे गए हैं।'
अधिकारी ने बताया कि पहला लेटर भेजे जाने के बाद आरबीआई ने अपनी डेटा लोकलाइजेशन पॉलिसी घोषित की थी, जिसमें कहा गया है कि सभी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को भारत में मौजूद सर्वर्स पर ही डेटा स्टोर करना होगा। उन्होंने बताया, 'हम उनसे यह और साफ तरीके से बताने को कह रहे हैं कि भारत में डेटा स्टोर करने के लिए उपयुक्त कदम किस तरह उठाए जाएंगे।'
सवाल इस बारे में भी पूछे गए हैं कि फेसबुक के पास किस तरह के डेटा शेयर किए जाते हैं। यह सवाल इसलिए पूछा गया है क्योंकि नियम पेमेंट फर्मों को थर्ड पार्टीज के साथ यूजर डेटा शेयरिंग की इजाजत नहीं देते।
अधिकारी ने बताया, 'NPCI ने कहा है कि डेटा थर्ड पार्टीज के साथ शेयर नहीं करना है। उसने यह भी कहा है कि जो महत्वपूर्ण डेटा न हो, उसे दिया जा सकता है। इसलिए हम पूछ रहे हैं कि शेयर करने लायक और शेयर नहीं करने लायक डेटा किसे माना जाएगा।' ईटी के सवालों के जवाब में वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने कहा, 'हम पेमेंट्स के बारे में कमेंट नहीं करेंगे क्योंकि अभी बीटा टेस्टिंग ही चल रही है।'
सरकार वॉट्सऐप पेमेंट सर्विस पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन न होने को लेकर भी चिंतित है क्योंकि यूजर्स को इसमें पेमेंट्स के लिए एप्लिकेशंस खोलने के लिए PIN डालने की जरूरत नहीं है। यूजर्स को केवल ट्रांसफर करते वक्त एक पिन एंटर करना होगा। गूगल के तेज जैसे दूसरे यूपीआई ऐप्स के मामले में PIN की जरूरत ऐप एक्सेस के लिए होती है।