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डिजिटल पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनियों की दुकानें बंद होने की आशंका

16 July 2019 | 12.34 PM

नई दिल्ली: मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को लेकर बजट में की गई घोषणा से डिजिटल पेमेंट सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियों की दुकानें बंद होने की आशंका पैदा हो गई है। गत 5 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में डिजिटल पेमेंट के वॉल्यूम को बढ़ाने के लिए 50 करोड़ से अधिक के टर्नओवर वाले बिजनेस के लिए ग्राहक एवं मर्चेंट दोनों के लिए एमडीआर को समाप्त करने का ऐलान किया था।

वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक एमडीआर के खत्म करने से जिन कंपनियों ने डिजिटल पेमेंट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर पैसा लगाया है और जिनकी कमाई एमडीआर के माध्यम से हो रही है, उन्हें भारी झटका लगने वाला है। क्योंकि सरकार की तरफ से अब तक इस बात को साफ नहीं किया गया है कि डिजिटल पेमेंट सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियों को एमडीआर के बंद होने की स्थिति में कौन भुगतान देगा। बजट में यह जरूर कहा गया है कि रिजर्व बैंक एवं अन्य अन्य बैंक एमडीआर लागत का भार आपस में बांट लेंगे, लेकिन इस काम में लगी इंटरमीडिएट कंपनी के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया।

एमडीआर को तीन पार्टी के बीच में शेयर किया जाता है

जानकारों के मुताबिक एमडीआर को तीन पार्टी के बीच में शेयर किया जाता है। डिजिटल पेमेंट के लिए कार्ड जारी करने वाला बैंक जो भारी मात्रा डेबिट और क्रेडिट कार्ड को बनाता है और इस काम में बैंक की पूंजी लगती है, दूसरा स्टोर पर स्वाइप मशीन जारी करने वाला बैंक जो पैसे के हिसाब-किताब करने के बाद स्वाइप मशीन रखने वाले दुकानदार को उनके खाते में पैसे देता है और तीसरा वीजा, मास्टरकार्ड या रू पे जैसी कंपनियां जो बैंक को डिजिटल रूप से डेबिट-क्रेडिट करने के लिए विभिन्न खातों से जोड़ने का काम करता है। ये कंपनियां ही इंटरमीडिएट कंपनियां हैं जिन्हें सरकार के इस फैसले से नुकसान हो सकता है।

जल्द ही सरकार की तरफ से इस मामले में नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है

वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक सरकारी बैंक और आरबीआई को एमडीआर के बंद होने से नुकसान नहीं है क्योंकि डिजिटल पेमेंट के बढ़ने से सरकार के डायरेक्ट टैक्स में भी बढ़ोतरी होगी। डिजिटल पेमेंट बढ़ने से नोट का चलन कम होगा और आरबीआई की नोट छापने की लागत कम होगी। लेकिन इंटरमीडिएट कंपनियों को होने वाली कमाई की भरपाई का दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सरकार की तरफ से इस मामले में नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।

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