20 July 2017 | 11.10 AM
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के बाद राजस्व में कितनी बढ़ोतरी हुई है, इसकी सटीक जानकारी अक्टूबर से पहले नहीं मिल पाएगी, जब नई अप्रत्यक्ष व्यवस्था अपनी पहली तिमाही पूरी करेगी. लेकिन पहले 15 दिनों के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि राजस्व में महीने-दर-महीने आधार पर 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने यह जानकारी दी है.
सीबीईसी ने कहा कि एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयात से प्राप्त कुल राजस्व 12,673 करोड़ रुपये रहा, जबकि जून महीने में समान अवधि में यह 11,405 करोड़ रुपये था. सीबीईसी की प्रमुख वनजा सरना ने बताया, "सीमा शुल्क से ठीकठाक राजस्व प्राप्त हुआ है. हमें उम्मीद है कि राजस्व की मात्रा पिछले महीने जितनी ही होगी। हालांकि हम साल दर साल आधार पर इसमें बहुत अधिक वृद्धि की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. 30 जून की आधी रात से प्रथम 15 दिनों में कुल 12,673 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया गया है."
जीएसटी के प्राप्त कुल राजस्व के बारे में उन्होंने कहा कि इसका पहला अनुमान अक्टूबर तक ही मिल पाएगा, क्योंकि व्यापारी सितंबर में रिटर्न दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा, "हमें जीएसटी शासन का कम से कम एक तिमाही (जुलाई-अगस्त-सितंबर) का आंकड़ा चाहिए होगा, जोकि अक्टूबर में आएगा. राजस्व का आकलन करने के लिए कम से कम तीन महीनों के आंकड़ों को देखना होगा."
हालांकि जीएसटी की दरों को 'राजस्व तटस्थ' रखा गया है, ताकि कर की दरें पहले जितनी थीं, उतनी ही रहें. सरना ने कहा कि जरूरी नहीं है कि इससे राजस्व वृद्धि में किसी प्रकार की गिरावट ही आएगी.
उन्होंने कहा, "इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ व्यापारियों को मिलेगा, लेकिन कर आधार में बढ़ोतरी से राजस्व को कोई नुकसान नहीं होगा. हालांकि डिजिटीकरण से कर आधार में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी."
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी के अंतर्गत कर आधार में 80 लाख तक की आसानी से बढ़ोतरी होगी. अब तक जीएसटी के अंतगर्त नए और पुराने मिलाकर 75 लाख पंजीकरण किए गए हैं.