3 August 2019 | 2.23 PM
नई दिल्ली प्रोजेक्ट डिलीवरी में देरी के अलावा बायर्स को फ्लैट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे, निर्माण के प्लान में तब्दीली, अतिरिक्त फीस की वसूली, पार्किंग स्पेस, स्टोरेज स्पेस या एलीवेटर जैसी सुविधाएं न मिलना। अगर आप भी बायर हैं और आप भी ऐसा कोई इशू फेस कर रहे हैं, तो आप रेरा (Real Estate Regulation and Development Act, RERA) के तहत अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
ऐसे दर्ज कराएं शिकायत
-एक्ट के मुताबिक, किसी डेवलपर, बिल्डर या रियल एस्टेट एजेंट के खिलाफ रेरा के तहत शिकायत दर्ज कराई जा सकती हैं। इसके लिए फॉर्म्स का एक खास सेट भरकर जमा करना पड़ता है। हाेम बायर्स अपनी शिकायत को ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं। तमिलनाडु समेत कई राज्यों में ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प मौजूद है। -हर राज्य की रेरा की आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराने का सेक्शन मौजूद होता है और बायर को उसमें दिए गए फॉर्म में सभी जानकारी देनी होती है। इस शिकायत को रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी, मध्यस्थता फोरम या फैसला करने वाले अधिकारी के पास दर्ज कराया जा सकता है। -कई पोर्टल्स पर बायर्स को यूजरनेम और पासवर्ड बनाकर खुद को रजिस्टर करने के लिए लॉग-इन करना पड़ता है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बायर को डायरेक्टली शिकायत दर्ज कराने की सुविधा देती हैं। -एक बायर के तौर पर आपको अपना नाम, पता, फोन नंबर जैसी निजी जानकारी समेत प्रोजेक्ट डिटेल देनी होंगी। प्रोजेक्ट डिटेल में प्रमोटर का नाम, कुल जमा की गई राशि, फ्लैट की कीमत और डेवलपर द्वारा दी गई कोई रसीद या डाॅक्यूमेंट शामिल होगा। -इसके साथ आपको एजेंट या डेवलपर के साथ चल रहे मुद्दे का सार भी बताना होगा। इसके साथ यह भी बताना होगा कि आप इस समस्या के समाधान के तौर पर क्या चाहते हैं। अगर आपने स मुद्दे को लेकर पहले कोई केस फाइल किया है तो आपको उसकी डिटेल भी देनी होगी। -यह सारी डिटेल देने के बाद आपको फीस भरनी होगी। यह फीस अलग-अलग राज्यों के लिए अलग हो सकती है। महाराष्ट्र में यह फीस 5,000 रुपए है, जबकि कर्नाटक में 1,000 रुपए है।
कब तक कर सकते हैं शिकायत
ऐसी कोई निश्चित अवधि नहीं है जिसके अंतर्गत बायर को शिकायत दर्ज करा लेनी चाहिए, हालांकि बायर जितनी जल्दी शिकायत दर्ज कराएं, उतना अच्छा होता है। इस एक्ट में दिया गया है कि शिकायत दर्ज होने के 62 दिनों के अंदर उसका समाधान किया जाएगा। हालांकि अगर रेरा अथॉरिटी इस अवधि में कोई समाधान नहीं कर पाती है, तो उसे बायर को एक उचित कारण बताना होगा।
रेरा में होता है जल्द निपटारा
बायर रियल एस्टेट की रेगुलेटरी अथॉरिटी या किसी भी कंज्यूमर फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, लेकिन इनमें समस्या का निपटारा होने में समय लग सकता है। इसलिए समस्याओं के तेज और आसान निपटारे के लिए रेरा का गठन किया गया। अन्य कंज्यूमर फोरम से अलग रेरा सिर्फ रियल एस्टेट के मामलों को देखता है। 27 जुलाई, 2019 तक रेरा ने देशभर में 20,454 मामलों का निपटारा किया है।