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अफोर्डेबल के बाद प्रीमियम क्लास होम बायर्स को छूट देने की तैयारी, जानिए कितना होगा फायदा?

1 November 2019 | 2.46 PM

नई दिल्ली अफोर्डेबल हाउस बायर्स के बाद अब सरकार प्रीमियम क्लास होम बायर्स को छूट देने की तैयारी कर रही है। यह छूट अपना पहला घर खरीदने वाले होम बायर्स को दी जाएगी और यह अगले साल यानी अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच अपना पहला मकान खरीदने वालों को दी जाएगी। इसका मतलब है कि अगर आप 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 के बीच घर खरीदते हैं तो आप इस छूट का फायदा उठा सकेंगे।

सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव पर पीएमओ और वित्त मंत्रालय में सहमति बन चुकी है। वित्त मंत्रालय चाहता है कि इस छूट की घोषणा आगामी बजट में किया जाए, मगर पीएमओ का मानना है कि परिस्थितियों को देखते हुए इसकी घोषणा पहले की जाए तो बेहतर होगा, क्योंकि इससे रियल एस्टेट को बूस्ट मिलेगा।

यह है प्रस्ताव

सूत्रों के अनुसार, प्रस्ताव के तहत अगर कोई 45 लाख रुपये से ज्यादा का मकान या फ्लैट खरीदता है और यह उसका पहला मकान है तो उसे होम लोन पर दिए जा रहे 5 लाख रुपये तक के ब्याज पर तीन साल के लिए 10 पर्सेंट की छूट मिलेगी। यह छूट तीन से चार साल के लिए हो सकती है। दूसरे शब्दों में कहें तो किसी ने 70 लाख रुपये का होम लोन लेकर अपना पहला मकान खरीदा और उसके बाद उसने एक साल में होम लोन का जो प्रीमियम दिया, उसमें उसने कुल 3 लाख रुपये ब्याज दिया। इस ब्याज पर उसे 10 पर्सेंट फीसदी की छूट मिलेगी। यानी उसे 30,000 रुपये की छूट दी जाएगी। यह एक तरह से सब्सिडी के तौर पर उसको दी जाएगी। होम बायर्स के पास यह ऑप्शन होगा कि वह यह छूट अपने होम लोन की ईएमआई में अजस्ड कराए या फिर अपने खाते में पैसे का ट्रांसफर कराए। यह छूट उसे तीन साल के लिए दी जाएगी।

होम लोन पर ब्याज का नियम

अभी तक सरकार अफोर्डेबल हाउस खरीदने वाले को ब्याज में छूट दे रही है। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग (पीएसएल) के तहत लोन की लिमिट बढ़ा दी है। 10 लाख या इससे ज्यादा आबादी वाले शहरों में इसके तहत अब 35 लाख तक का लोन लिया जा सकेगा, जिसकी लिमिट अभी तक 28 लाख रुपये थी। वहीं, 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए लिमिट 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। हालांकि इन दोनों मामलों में मकान की कुल लागत 45 लाख और 30 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

यह होगा फायदा

रियल एस्टेट एक्सपर्ट गौरव गुप्ता का कहना है कि इस वक्त अफोर्डेबल हाउस की काफी डिमांड है, जबकि रियल एस्टेट में स्लोडाउन चल रहा है। प्रीमियम क्लास सेगमेट में डिमांड उतनी नहीं है। अगर सरकार इस तरह की कोई छूट योजना लेकर मार्केट में आएगी तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव पड़ेगा। हालांकि यह छूट उतनी ज्यादा नहीं है, जितनी उम्मीद की जा रही है। इसके बावजूद इस स्कीम से यह मेसेज जाएगा कि सरकार रियल एस्टेट को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत है। आगे भी इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं।

 

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